Poetry

गीत

गीत केवट ने गंगा पार कराई जग के खेवनहार कोक्या अद्भुत दृश्य रहा होगा वो अँखियों के उद्धार को भक्त था केवट, बुद्ध था केवट, बहुत सयाना था केवटराम भले समझाते रहे, बातों में न आना था केवटमुँदरी लौटा दी उसने अर खुलवा लिया मोक्ष द्वार कोक्या अद्भुत दृश्य रहा होगा वो अँखियों के उद्धार […]

गीत Read More »

माहिये

माहिये 1) पुरुषोत्तम राम बनेजिसने भी ध्यायाबिगड़े सब काम बने। 2) केकयी ने वचन लियेउन वचनों खातिरवन में श्रीराम गये। 3) प्रभु ने जो वरण कियेकेवट उनमें थासरयू तट चरण दिये। 4) केवट ने पग धोयेमान दिया इतनाप्रभु राम स्वयं रोये। 5) दिन कैसे फेर दियेचख-चख शबरी नेभगवन को बेर दिये। 6) किस्किंधा राम चलेबाली

माहिये Read More »

(गीत)

(गीत)जिसने राम कहा ना जीवन,है उसका किस काम का।आज बजा है जग में डंका,मेरे प्रभु श्री राम का।। मिथिला में जाकर रघुवर ने,शिवजी का था धनु तोड़ा।विपुल वीर रह गए देखते,सिय से जब नाता जोड़ा।।जनकराज का शोक मिटा,सब सुखी हुए हैं नरनारी।सिया राम की सुंदर जोड़ी,जब निज नयनन निहारी।।हुए प्रसन्न भक्त जन सारे,दर्शन कर सुखधाम

(गीत) Read More »

वीर हनुमान

वीर हनुमान जन्मोत्सव हम मना रहे हैं,महावीर हनुमान का।माँ अंजना के पुत्र है प्यारेपवन पुत्र बलशाली इतनेपवन से भी तेज उडे़।अद्भुत अविरल करतब करकेबाल्यकाल की यात्रा कर लीलड्डु और चुरमे की थालीझट पट में ही चट कर दी सुरज को मुख में बंद किया,मीठा फल समझ कर के ।अंधकारमय हो गई धरतीत्राहि त्राहि मच गईं

वीर हनुमान Read More »

बीर बजरंगी की कृपा

परिवार साथ ले विराजियेगा मन्दिर ही,भक्त देखते रहेंगे दिल के प्रदेश में।काम,क्रोध,मोह,मद,द्वेष का विकार भागे,शान्ति,सद्भाव फैले पूरे परिवेश में।शब्द का बनाके पुष्प उन्हें ही चढ़ा रहे हैं,लोग ब्रम्ह देखते हैं जिस अवधेश में।विनती यही है जब गृह में करें प्रवेश,रामराज्य लाना मत भूलियेगा देश में। करुनानिधान, भक्तवत्सल पुकारें लोग,सत,चित,आनंद बताते घनश्याम हैं।निर्गुण वो किन्तु धर्म

बीर बजरंगी की कृपा Read More »

| देख सुंदर छवि को सियाराम की |

भजन-देख सुंदर छवि को सियाराम की,मन में आनंद ही आनंद मुझे ( हमे) आ रहा, 1 .राम कोमल हे एक पंखुड़ी की तरह,शिव चाप है भारी जनक प्रण भी है,देख करके यू सीता करे प्रार्थना,गणनायक स्वीकारो मेरी प्रार्थना।(टेक) राम पल में उठे हे गुरु प्रार्थना, उमाशंकर की देखो करे प्रार्थना, पल में तोड़ा प्रभु ने

| देख सुंदर छवि को सियाराम की | Read More »

| राममयी – चौपाई |

| राममयी – चौपाई | 1रघुकुल का फिर मान बढ़ाया। दशरथ ने हर बचन निभाया। 2बिछोह राम का सह नहीं पाये।प्राण गंवा कर बचन निभाये।। 3राम खड़ाऊ शीश लगाई।दीखा नहीं भरत सम भाई ॥ 4राम, लखन शबरी के द्वारे।भाग्य जगा लेकर उजियारे ।। डा. जयसिंह आर्य

| राममयी – चौपाई | Read More »

| चन्द्र राममयी-चौपाई।

| चन्द्र राममयी-चौपाई। 1 बनकर सूरज का उजियाराजग में चमका राम हमारा 2मात-पिता का मान बढ़ायाऐसा था रघुकुल का जाया 3हनुवत ने भी चीर दिखाया सीने में प्रभु राम समाया 4आदर्शों का सच्चा जायामानस – मानस राम समाया डा. जयसिंह आर्य

| चन्द्र राममयी-चौपाई। Read More »

आठों याम राम हैं

बसंत कुमार शर्माजबलपुर श्रावणी फुहार सर्दियों की घाम राम हैं.काम अर्थ धर्म मोक्ष चारों धाम राम हैं. भक्त के लिए तो राम हैं प्रतीक प्रेम का, नाक में नकेल दुष्ट को लगाम राम हैं. जानकी के उर में जो विराजमान हैं सदा, दूसरा न कोई और राम, राम, राम हैं. शक्ति है अपार पा सका

आठों याम राम हैं Read More »

*कजली भजन *

* कजली भजन * हरे रामा वनको चले रघुराई सिया सुकुमारी रे हारी।।हरे रामा नाशत असुरहिँ संतो के भय हारी रे हारी।। केकई ने वर मांगा सुनके दशरथ हुए अधीरा रामा।वन में न भेजो मेरे राम को कहते भर भर नीरा रामा। कि हरे रामा दे दो राज भरत को चाहे सारी रे सारी ।हरे

*कजली भजन * Read More »