Poetry

शबरी

शबरी भील कुमारी ,नव यौवना, श्रमनामतंग ऋषि से मिले ज्ञान को सहेजा तुमने अपने मन मेंअपने चक्षु द्वय बिछा आंगन में सुकुमार धनुर्धारी अयोध्यापति श्रीरामअपनी मृगनयनी ढूंढते पहुंचे तुम्हारे धाम एक – एक बेर तुम तोड़ती रही उम्र भर जिह्वा से रसवादन कर तृप्त होपुलकित मन भरती रही दामन अश्रुपूरित नैनों से प्रतीक्षा हुई परिपूर्ण […]

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रघुवर तुमको आना होगा

स्वरचित मौलिक रचना –शीर्षक-रघुवर तुमको आना होगा तुलसी बाबा ने दिया दुनियां को सन्देश,सीता का संग चाहिए तो धरो राम का वेष। रमापति राम जी को सर्वप्रथम प्रणाम करते हैं,पुरुषोत्तम राम की महिमा का हम गुणगान करते हैं।। लिया जो नाम रघुवर का,उजाला दिल में भरता है,धधकते मन के शोलों पर, जो शीतल धार बनता

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विधा – भजन

हमको बना दो सेवक किसी काम के लिए।शबरी बना दो हमको श्री राम के लिए।। तुलसी कभी सूर की आंखों के जाल में,तुलसी कभी सूर की आंखों के जाल में ।करते नहीं भेद हम राघव-गोपाल में,करते नहीं भेद हम राघव-गोपाल में।रख लो प्रभु चरणों में अपनेरख लो प्रभु चरणों में अपने आराम के लिए ।।

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