माहिये
1) पुरुषोत्तम राम बने
जिसने भी ध्याया
बिगड़े सब काम बने।
2) केकयी ने वचन लिये
उन वचनों खातिर
वन में श्रीराम गये।
3) प्रभु ने जो वरण किये
केवट उनमें था
सरयू तट चरण दिये।
4) केवट ने पग धोये
मान दिया इतना
प्रभु राम स्वयं रोये।
5) दिन कैसे फेर दिये
चख-चख शबरी ने
भगवन को बेर दिये।
6) किस्किंधा राम चले
बाली वध से भी
पहले हनुमान मिले।
7) सीता संग राम रहे
उर्मिल की पीड़ा
बिन समझे कौन कहे।
8) पत्थर पर राम लिखा
पानी में छोड़ा
हर कोई चकित दिखा।
9) पत्थर पानी तैरे
सागर सेतु बना
नल-नील सफल ठहरे।
10) सागर पुल पार किया
वानर सेना संग
रावण पर वार किया।
11) सीता जी का हरना
एक बहाना था
रावण को था मरना।
12) सब कुछ अजमाया था
रावण सीता को
छू भी ना पाया था।
13) रावण जब मार दिया
राज विभीषण के
चरणों में वार दिया।
14) मुश्किल से घबराते
राम भजन कर लो
सब काज सँवर जाते।
15) सब कुछ रह जाना है
नाम भजन उसका
अनमोल खजाना है।
हरिंदेर सिंह यादव
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