| राममयी – चौपाई |By virat / July 1, 2023 | राममयी – चौपाई | 1रघुकुल का फिर मान बढ़ाया। दशरथ ने हर बचन निभाया। 2बिछोह राम का सह नहीं पाये।प्राण गंवा कर बचन निभाये।। 3राम खड़ाऊ शीश लगाई।दीखा नहीं भरत सम भाई ॥ 4राम, लखन शबरी के द्वारे।भाग्य जगा लेकर उजियारे ।। डा. जयसिंह आर्य