भजन-
देख सुंदर छवि को सियाराम की,
मन में आनंद ही आनंद मुझे ( हमे) आ रहा,
1 .राम कोमल हे एक पंखुड़ी की तरह,
शिव चाप है भारी जनक प्रण भी है,
देख करके यू सीता करे प्रार्थना,
गणनायक स्वीकारो मेरी प्रार्थना।(टेक)
राम पल में उठे हे गुरु प्रार्थना, उमाशंकर की देखो करे प्रार्थना, पल में तोड़ा प्रभु ने हे शिव धनु को,
सीता ने है स्वीकारा श्री राम को, (टेक )
जनक प्रण को पूरा करे रामजी,
मन का संताप काटे श्री राम जी, वर माला तो डाले सिया राम को, ऐसी सुंदर है जोड़ी नजर ना लगे (टेक)
कोटी सूर्य किरण है श्रीराम में, मन मे मुस्कान देखो श्री राम के, हे विजय की पताका श्री रामजी,
बैठे चरणों मै जिनके हनुमान जी
(टेक)
किरण विजय पोरवाल उज्जैन मध्य प्रदेश(स्वरचित)
9713364172