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श्री राम मंदिर काव्य साहित्य मंच द्वारा आयोजित काव्य समागम (6 मार्च 2025)

श्री राम मंदिर काव्य साहित्य मंच द्वारा आयोजित काव्य समागम पावन भूमि अयोध्या में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।6 मार्च 2025, बिड़ला धर्मशाला के सभागार में देश के विभिन्न हिस्सों से जैसे दिल्ली, फरीदाबाद मथुरा लखनऊ सीतापुर महाराष्ट्र गोंडा औरैया फर्रुखाबाद अयोध्या बल्लभगढ़ नोएडा गाजियाबाद रायपुर से आए हुए कवि कवयित्रियों ने भक्ति रस से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती वंदना से मंच की संस्थापिका डॉ बबिता किरण ने किया। भूतपूर्व पी सी एस गुरमीत गुप्ता जी ने अपना आशीर्वाद प्रदान किया। सभी अतिथियों को शाल, उपहार तथा प्रभु राम का चित्र भेंट दिया गया। प्रथम सत्र में शिव प्रभाकर ओझा जी द्वारा रचित सरस्वती चालीसा का विमोचन प्रभु राम की कृपा से हुआ। प्रथम सत्र का संचालन आगन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ अजय गर्ग ने किया। द्वितीय सत्र का आरंभ दोपहर के भोजन के पश्चात आरंभ हुआ । महान साहित्यकार तथा व्यंग्यकार श्री हरिशंकर परसाई जी के पोते शरद परसाई जी ने द्वितीय सत्र का संचालन बखूबी किया। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमान अजय त्रिपाठी जी ने सभी रचनाकारों का उत्साहवर्धन किया। इसी सत्र में श्री राम मंदिर काव्य यात्रा 2025 का विमोचन हुआ। तृतीय सत्र शाम की चाय के पश्चात आरंभ हुआ तथा संचालन मंच के संस्थापिका डॉ बबिता किरण द्वारा बहुत शानदार तरीके से किया गया।अंत में डॉ अजय गर्ग ने पुनः मिलने का वादा करते हुए सभी का धन्यवाद किया।

दिल्ली फरीदाबाद के कवि कवयित्रियों ने 1 जनवरी 2025 को श्री राम मंदिर काव्य साहित्य मंच द्वारा आयोजित काव्य समागम

दिल्ली फरीदाबाद के कवि कवयित्रियों ने 1 जनवरी 2025 को श्री राम मंदिर काव्य साहित्य मंच द्वारा आयोजित काव्य समागम में प्रभु राम को समर्पित की उत्कृष्ट रचनाएं। इस समागम के अध्यक्ष मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि प्रभु श्री राम जी रहे। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्या डॉ प्रीता पंवार ने अपने निवास स्थान पर सुंदर साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया। उनके जीवन साथी सेवानिवृत्त आईपीएस विनोद कौशिक जी का आत्मीय सहयोग प्राप्त हुआ।मंच की संस्थापक डॉ बबिता किरण ने सभी साहित्यकारों का स्वागत करते हुए पुनीत पांचाल को संचालन की बागडोर थमाई । कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कवयित्री पूनम रजा ने सुमधुर कंठ से सरस्वती वंदना की। शानदार संचालन करते हुए पुनीत पांचाल ने सभी रचनाकारों को लाजवाब मुक्तकों द्वारा काव्य पाठ हेतु आमंत्रित किया। सबसे विशेष बात रही सभी रचनाकारों द्वारा समय सीमा का ध्यान रखना। रचनाकारों में वेद व्यथित बृजेश मालवीय युगेस्वर पूनम रजा कविता अदलक्खा हरेंद्र प्रसाद यादव रमाशंकर मोहन संप्रास सीमा कौशिक मुक्त डॉ प्रीता पंवार विनोद कौशिक पुनीत पांचाल डॉ बबिता किरण अनिल बेताब विमल फरीदाबादी उपस्थित रहे। उदीयमान न्यूज़ से कृष्णा मालवीय ने सभी के छाया चित्र तथा विडियो उपलब्ध कराये । पत्रकार तथा कवि अनिल बेताब जी ने पत्रकारिता का दायित्व बखूबी निभाया।सुरेंद्र कौशिक जी श्रोता के रूप में उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की विशेष बात वेद व्यक्तित्व जी द्वारा रामायण तथा साहित्य पर चर्चा रही। सभी ने उनके सान्निध्य में बहुत कुछ सीखा तथा ज्ञान प्राप्त किया। कार्यक्रम समापन पर विनोद कौशिक ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। जलपान के पश्चात सभी ने एक स्वर में जय सियाराम का नारा लगाकर शीघ्र ही पुनः मिलने की इच्छा व्यक्त की।

श्री राम मंदिर काव्य साहित्य मंच की अक्टूबर माह की गोष्ठी रामनवमी के पावन दिवस पर आयोजित की गई

श्री राम मंदिर काव्य साहित्य मंच की अक्टूबर माह की गोष्ठी रामनवमी के पावन दिवस पर आयोजित की गई। पूरा वातावरण राम मय तथा भक्ति मय बना रहा। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प्रदीप गर्ग पराग ने की तथा संचालन तथा संयोजन संस्थापिका डॉ बबिता किरण ने किया। मां शारदे की वंदना विनीता लावणियां ने सुमधुर स्वर में प्रस्तुत की। दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम,अलीगढ , बैंगलोर तथा अन्य प्रदेशों से कवि, कवयित्रियों ने गोष्ठी में प्रतिभागिता की। भक्ति में लीन रचनाकारों ने कुछ इस प्रकार से अपनी बात कही। आनन्द कुमार मित्तल ने कहा "सजा दो घर को मन्दिर सा,मेरे प्रभु राम आते है,बना लो अल्पना सुन्दर,प्रभु श्री राम आते हैं।" प्रदीप गर्ग पराग ने दोहों में कहा"चरित्र राम का बन गया, मर्यादा अवतार। मां के अवगुण नष्ट कर , मना विजय त्यौहार ।।"कुसुम सिंगल "मैया झूठी ये ब्रजनारि श्याम कू चोर बताबे री ।" प्रवीण शर्मा कहती हैं "राम जो तुम आ जाते इक बार , बेड़ा हो जाता सबका पार ।।" सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा जी कहते हैं "मुझे जब मेरे देश की बात होती है कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक सुगंध की बरसात होती है ।"अंजु दुआ जैमिनी के अनुसार "सबसे मीठा राम का नाम सबसे मीठे जय सियाराम ।" रीता गुगलानी ने कहा"राम राज्य स्थापना हेतु यह बलिदान ज़रूरी है ।" प्रवल प्रताप सिंह राणा की पंक्तियां"श्री राम की आराधना, प्रभु चरणवंदन की कामना।।मन की भावनाओं के साकार होने की कामना।।" अरुणा राणा कहती हैं "झिलमिल सितारों का मंदिर होगा।।मैया का भवन अति सुंदर होगा।" अलका जैन की पंक्तियां युगों युगों तक राह तकी जब,राम पधारे हैं प्यारे।"कविता अदलक्खा ने कहा "राम रमैया राम खिवैया, जगत के पालनहार। कहीं केवट से ले चल नदिया पार।" अंत में अध्यक्ष प्रदीप गर्ग पराग जी ने अध्यक्ष उद्बोधन देते हुए सभी की रचनाओं को सराहा तथा प्रत्येक माह आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी। संयुक्त का डॉक्टर बबीता किरण ने सबको धन्यवाद ज्ञापित किया तथा एक उच्च कोटि की गोष्ठी के लिए प्रभु को धन्यवाद दिया।