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दुर्मिल सवैया

दुर्मिल सवैया सिय पूज रही गिरिजा मन से,वर आज मिले रघुनंदन का।लख के छवि शीतल नैन हुए,उर लेप लगा जस चंदन का। प्रण घोर किया पितु ने जननी,फिर कौन सुने स्वर क्रंदन का।बस आस रही तुम से अब तो,शुभ आज मिले फल वंदन का। सुन्दरी सवैया थक बैठ गये धनु छूकर के,तिल भी न हटा […]

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम (१).मात-पिता का श्राप, अधूरा रह जाता।देवों का संताप, अधूरा रह जाता।मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे कहलाते?ऋषि मुनियों का जाप, अधूरा रह जाता। (२).समय-सत्य का बोध, अधूरा रह जाता।केवट से अनुरोध, अधूरा रह जाता।मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे कहलाते?रावण का प्रतिशोध, अधूरा रह जाता। (३).भ्रात – प्रेम, अनुराग, अधूरा रह जाता।गीध जटायु त्याग, अधूरा रह जाता।मर्यादा पुरुषोत्तम

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कितने प्रश्न उठाओगे तुम

कितने प्रश्न उठाओगे तुम, बोलो मेरे राम परबिन मुझको जाने पहचाने, पहुँच गए परिणाम पर चला रहे हो, बिन जाने ही कटु प्रश्नों की आरी को लेकर वन में साथ गए क्योंमुझ कोमल सुकुमारी को चौदह बरस राम वन जाये माँगा था वर माता ने मगर किया था आग्रह मैने वही शेष अनु-भ्राता ने विनय

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चलो अयोध्या धाम

चलो अयोध्या धाम अवध में फिर आएंगे राम!!-२सीता लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न और वीर हनुमान!दशरथ के प्रभु राजदुलारेकौशल्या की आँखों के तारेप्रजा वत्सल शबरी के प्यारे हे जगत निधान! ख़ूब सजी है अवध नगरियालगती जैसे कोई दुल्हनियाबरसों का सपना पूरा होगा बनेगा तीर्थ धाम! पूरी हुई है अब जाके परीक्षाहमने की अब तक बहुत प्रतीक्षाअब तक

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भक्ति रस

भक्ति रस मन दर्पण में राम बसाकरभाव मग्न हो जाऊँ मैं,राम नाम की वीणा बनाकर ख़ुद झंकृत हो जाऊँ मैं। रोम रोम श्री राम समायेजीवन दरिया बहता जायेहनुमंत रस बरस उठे अब हम सबके मन को हर्षायेकण कण में तुमको ढूँढू प्रेम मोती बरसाऊँ मैं,मन दर्पण में राम बसाकरभाव मग्न हो जाऊँ मैं….. राम नाम

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श्रीराम जीवन पर आधारितचौपाई

श्रीराम जीवन पर आधारितचौपाई 1,विप्र धेनु सुर के हितकारी ।रामजनम अति है उपकारी ।। 2,रामजनम के हैं हेतु अनेका ।लिखूं आज मैं सहित विवेका ।। 3, भूमि का भार उतारन आए ।नर अवतार हरि ग्रंथन गाए ।। 4,प्रेम का प्रतीक राम जीवनी ।मन दुख हरती ये संजीवनी ।। 5, मातपिता के आज्ञाकारी।श्रीराम जी जग हितकारी

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कहा था के मंदिर वहीं पर बनेगा,

कहा था के मंदिर वहीं पर बनेगा, वहीं पर सियाराम दरबार होगा।चहूंओर गुंजेगा भगवा का नारा, वहीं सपना भक्तों का साकार होगा।। कहा था के———— सभी संत आएंगे फिर से अयोध्या, हवन भी करेंगे लगाएंगे चंदन।धरा वायुमंडल हो जाएंगे पावन, चहूंओर उर्जा का संचार होगा।। कहा था के———— शिला लेख मंत्रों से शक्ति बढ़ेगी, भजन

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गीत

गीत केवट ने गंगा पार कराई जग के खेवनहार कोक्या अद्भुत दृश्य रहा होगा वो अँखियों के उद्धार को भक्त था केवट, बुद्ध था केवट, बहुत सयाना था केवटराम भले समझाते रहे, बातों में न आना था केवटमुँदरी लौटा दी उसने अर खुलवा लिया मोक्ष द्वार कोक्या अद्भुत दृश्य रहा होगा वो अँखियों के उद्धार

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माहिये

माहिये 1) पुरुषोत्तम राम बनेजिसने भी ध्यायाबिगड़े सब काम बने। 2) केकयी ने वचन लियेउन वचनों खातिरवन में श्रीराम गये। 3) प्रभु ने जो वरण कियेकेवट उनमें थासरयू तट चरण दिये। 4) केवट ने पग धोयेमान दिया इतनाप्रभु राम स्वयं रोये। 5) दिन कैसे फेर दियेचख-चख शबरी नेभगवन को बेर दिये। 6) किस्किंधा राम चलेबाली

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(गीत)

(गीत)जिसने राम कहा ना जीवन,है उसका किस काम का।आज बजा है जग में डंका,मेरे प्रभु श्री राम का।। मिथिला में जाकर रघुवर ने,शिवजी का था धनु तोड़ा।विपुल वीर रह गए देखते,सिय से जब नाता जोड़ा।।जनकराज का शोक मिटा,सब सुखी हुए हैं नरनारी।सिया राम की सुंदर जोड़ी,जब निज नयनन निहारी।।हुए प्रसन्न भक्त जन सारे,दर्शन कर सुखधाम

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