श्रीराम जीवन पर आधारितचौपाई
1,विप्र धेनु सुर के हितकारी ।
रामजनम अति है उपकारी ।।
2,रामजनम के हैं हेतु अनेका ।
लिखूं आज मैं सहित विवेका ।।
3, भूमि का भार उतारन आए ।
नर अवतार हरि ग्रंथन गाए ।।
4,प्रेम का प्रतीक राम जीवनी ।
मन दुख हरती ये संजीवनी ।।
5, मातपिता के आज्ञाकारी।
श्रीराम जी जग हितकारी ।।
6, बड़े अधरम धरा अकुलाई।
धनु रूप धर अस्तुति गाई।।
7, मेघवाणी ने दीन्ही सांत्वना ।
हरि जन्मेंगे दशरथ अंगना ।।
8,चैत्रमास नवमीं तिथि पावन।
प्रकटे प्रभु जन-जन मन भावन।।
9, अंशन सहित ले हरि अवतारा ।
जग दुःखदाई रावण मारा ।।
10, महा महा सब असुर संहारे ।
देव दनुज जन के दुख टारे ।।
सुषमा वीरेंद्र खरे
सिहोराजबलपुरमध्यप्रदेश
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