सुंदर सुखद प्रभात सुहानी
सुंदर सुखद प्रभात सुहानी मन वन उपवन मधुरम धानीदेखा राम नयन सुख सीतादोनों दृष्टि हुई उनमाँनी खिले रूप नैनन मधु छलकेसंग पैजनी पद पथ महकेदेख राम मादक सम्मोहन श्री सीता उर शत दल चहके द्वय हिय उठा प्रेम स्पंदन मूँद नयन भये दूनो ध्यानी जन जन को यह प्रीत सुहाईअतिशय मधुर सिया मुस्काई मन ही […]
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