अवधपुरी में आज है, उत्सव का माहौल।
रामलला के गूँजते,धरा गगन में बोल।।
पुरुषोत्तम बस एक है, दशरथ नंदन राम।
उसके सुमिरन से सभी, पूरण होते काम।।
मुखमंडल पर तेज है, हर्षित सब नर-नार।
आज अयोध्या का हुआ, दुल्हन सा शृंगार।।
भूमि पूजन राम सखे, निज गौरव पहचान।
मंदिर के निर्माण से, और बढ़ेगी शान।।
चिर-प्रतीक्षित इंतज़ार, ख़त्म हुआ है आज।
रामलला मंदिर बने, सबकी इच्छा ‘राज’।।
पूर्णतःस्वरचित सर्वाधिकार सहित(राजपाल यादव,गुरुग्राम)
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