राम विवाह
दो नैन रघुनाथ के दो नैन जानकी के ऐसे समाये चार नैन एक हो गए सखियां भी घूर रही लक्ष्मण जी लखा रहे दुनिया को मोहने वाले आज मोहित हो गए फूलों को चुन टोकरी में डाल रहे दूजे क्षण निकाल रहेविस्मित हुए से खड़े जानकी को निहार रहे नैना सिया में खोए अधर मुस्काए […]