2025-02

राम विवाह

दो नैन रघुनाथ के दो नैन जानकी के ऐसे समाये चार नैन एक हो गए सखियां भी घूर रही लक्ष्मण जी लखा रहे दुनिया को मोहने वाले आज मोहित हो गए फूलों को चुन टोकरी में डाल रहे दूजे क्षण निकाल रहेविस्मित हुए से खड़े जानकी को निहार रहे नैना सिया में खोए अधर मुस्काए […]

राम विवाह Read More »

श्री राम बनवास

श्री राम रूप मुनि का धरबन निकल रहे हैं। देखो अवध के राजाबन बन भटक रहे हैं।। महलों की राजरानीसीता चली है संग में।पैरों में उनके कांटेपग पग पे चुभ रहे हैं।। लक्ष्मण जी बन के सेवकश्री राम के चले हैं।महलों में उर्मिला केअश्रु छलक रहे हैं।। दशरथ जी होके व्याकुलश्री राम को पुकारें।मेरे राम

श्री राम बनवास Read More »

!! अयोध्या पति की सेवा में !!

श्री रामचंद्र रंग भीना मेरा मन हर लीना जी। मेरा मन हर लीना जी मेरा मन हर लीना जी। सिर पर स्वर्ण मुकुट है भारी, शोभा मुख मंडल की न्यारी। तन पर इत्र लगायो है हिना, मेरा मन हर लीना जी।। मूरत श्याम रंग की शोभित, दर्शन कर सब होते मोहित। जामा पीत रंग का

!! अयोध्या पति की सेवा में !! Read More »

पावन बेला

आई है पावन बेला, मंगल है यह घड़ी, चहुँ ओर से सज गई ,देखो अयोध्या नगरी । गर्भ गुफा मे विराजेंगे, इसी माह प्यारे राम लला, प्रभु के मनोहर बाल स्वरूप के, दर्शन की ललक है सबको लगी। होगा मंगलगान ,बजेंगे डोल खड़़ताल, आरती, धूप, दीप ,शंखनाद की लगेगी छड़ी। प्रभु राम की कृपा, बरसेगी

पावन बेला Read More »

राधिका छंद में एक कृति माँ शारदे को समर्पित

(लय–दुख हरो द्वारिका नाथ, शरण मै तेरी) ********प्रभु राम लीन्ह अवतार , कोशला धामा।हरि रखा चतुर्भुज रूप,सोह अभिरामा।।ब्रम्हाण्ड कोटि प्रति रोम , कहे श्रुति वेदा। साधक सम साधन साध्य, न कोई भेदा।। जब लखा अलौकिक रूप, मात अनुमाना। है झूँठ रहे मम गर्भ , राज सब जाना ।।यह हरि इच्छा मन मानि ,सहज सुखु माना।प्रभु

राधिका छंद में एक कृति माँ शारदे को समर्पित Read More »

प्रभु सियाराम वन से अवध आगमन पर

सियाराम लखन घर आई रे,अवध में बंटत बधाई रे।जनम जनम के पुण्य उदित भए,पूरण हुई सकलाई रे।हर्ष निनाद चहुं दिश गुंजित,जीव जगत हर्षाई रे।। मंगल चौक पुरावो री सजनी,जगर मगर दीपावली रजनी।वंदनवार पताका लड़ियां,झालर दीप जलें फुलझडियां।मुक्ता कलश रंगोली घर घर,अंगना दीप जलाई रे।।सियाराम लखन घर आई रे। ढ़पली ढ़ोल मृदंगा बाजें,मंगल कीर्तन गायन गाजें।ढ़ोलक

प्रभु सियाराम वन से अवध आगमन पर Read More »

करुणा का जहां भी नाम आया, प्रभु राम का वहां नाम आय

( करुणा राम की) करुणा का जहां भी नाम आया,प्रभु राम का वहां नाम आया।ऐसे करुणाधारी पर आज,मेरा मन खोज उपहार लाया। पीड़ा निर्वासन की सह सहकर,तन मन कभी न हुए विचलित,कर्म से कभी न हुए विरत ,याद रहे सदा अपने वचन। चमकता सूर्य का तेज अंग अंग,करुणा प्रेम वीरता का संगम,शुद्ध विचारों से है

करुणा का जहां भी नाम आया, प्रभु राम का वहां नाम आय Read More »