करुणा का जहां भी नाम आया, प्रभु राम का वहां नाम आय

( करुणा राम की)


करुणा का जहां भी नाम आया,
प्रभु राम का वहां नाम आया।
ऐसे करुणाधारी पर आज,
मेरा मन खोज उपहार लाया।

पीड़ा निर्वासन की सह सहकर,
तन मन कभी न हुए विचलित,
कर्म से कभी न हुए विरत ,
याद रहे सदा अपने वचन।

चमकता सूर्य का तेज अंग अंग,
करुणा प्रेम वीरता का संगम,
शुद्ध विचारों से है पूरित,
दिखता ओज सदा मुखमंडल।

निमित्त जग सुख त्यागे सकल,
वचन पालन में हुए ऐसे मगन,
मन में ना आए कोई विकार,
जिए बड़ा भाग बिन संशाधन।

विरह में जले दिन प्रतिदिन,
मिला ना प्रिया का संग सकल,
त्यागे सुख साधन का विकल्प,
प्रजा हित में ले संकल्प।

शील शक्ति से भरा राघव जीवन,
होकर प्रेरित जन का मन,
सुंदर बनता जाता जीवन,
“मोहिनी” का मोह लेता मन।


मीनाक्षी टेलर
“मोहिनी”
जयपुर, राजस्थान