पावन बेला

आई है पावन बेला, मंगल है यह घड़ी,
चहुँ ओर से सज गई ,देखो अयोध्या नगरी ।

गर्भ गुफा मे विराजेंगे, इसी माह प्यारे राम लला,
प्रभु के मनोहर बाल स्वरूप के, दर्शन की ललक है सबको लगी।

होगा मंगलगान ,बजेंगे डोल खड़़ताल, आरती, धूप, दीप ,शंखनाद की लगेगी छड़ी।

प्रभु राम की कृपा, बरसेगी सभी जन ऊपर ,
फिर से लहराऐगी, असीम शिखर पर सनातनी ध्वजा हिन्द की।

मंदिर सजेगे, गलीयारे सजेंगे ,
भक्तों के जयकारे ,मन में नई उंमग भरेगे।
कभी त्रिपतेगा मन ,प्रभु की मोहनी छवि देख कर,
कभी राम परिवार के दरस से कई कष्ट मिटेंगे।

पालनहार हो मेरे प्रभु राम ,
अब देर ना लगाओ,
तारनहार हो जग के,
मुझे भी भवसागर से पार लगाओ ।

यही विनती करेगा हर मानस अपने प्रभु से,
जिस पावन बेला मे पधारेगे श्री राम अवध में।

जय श्री राम, जय श्री राम, जय श्री राम, जय जय राम ।

स्वरचित

सोनिया सरीन साहिबा
दिल्ली

दिल्ली