Shri Rammandir Kavya

जनक छंद

जनक छंद**** तन, मन, धन, इज़्ज़त, भवन,ये मेरे किस काम का,सब मेरे प्रभु राम का। कैकेयी के पूर्ण अब,होंगे सारे जाप भी,कट जाएँगे पाप भी। कौशल्या के दो नयन,रस्ता देखें राम का,समय निकट परिणाम का। सिया-लखन को साथ ले,लौट रहे श्रीराम हैं,ले हाथों में हाथ ले। पल-पल, रह-रह, बिन थके,बाट जोहती राम की,प्रजा अयोध्या धाम […]

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राम जाप

प्रतियोगिता दिवस विषय -राम जाप राम नाम जाप से पुण्य कमाए अयोध्या धाम दशरथ अयोध्या राम की बोलो जय सियाराम कर्तव्य पथ साथ चले गुणकारी हितकारी रामबोलो जय सियाराम जनमानस अक्षत साजे ,विश्व विराजत राम बोलो जय सियाराम मानस जनवाणी में ,अमृत रस घोले बोलो जय सियाराम राग द्वेष छल कपट से दूर संबल देती

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सज गई अयोध्या धाम

श्री राम सज गई अयोध्या धामआ रहे रहे है श्री राम,लक्ष्मण,जानकी साथप्रभु अवध पधार रहे,हम सब चरण पखारेंगे। ढोल,मृदंग संगनाचे अयोध्यावासीइस उमंग में सभीशामिल हो जाइए। नयनों के तेल जलेसरयू के घाट तलेखुशियों की बाती डालहम दीपक जलाकरदीपावली मनाएंगे। हर ओर खुशियाली झूमेनर नारी मंगल गाए,आरती की थाल सजेपुष्प की बारिश मेंप्रभु कृपा पाएंगे। रेणु

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रामजी का नाम भजो

रामजी का नाम भजो, राम राम राम जपो। राम की कृपा से सारे, काम बन जाएँगे।। वाणी दृष्टि में हैं राम, स्वर गंध में हैं राम।रोम-रोम मेरे नित, राम जी को ध्याएँगे।। राम एक-एक श्वास, राम से है हर आस।राम मय हो के सदा, राम धुन गाएँगे।। मेरे आदि अंत राम, यूँ तो हैं अनंत

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धरती-अम्बर-कुदरत झूमे, रामलला जो आ रहे।

धरती-अम्बर-कुदरत झूमे, रामलला जो आ रहे।जन-जन में जागृति रा’म की, गीत राम के गा रहे।त्रेता युग-सा भान हुआ है, भारत माँ फिर जी उठी….पग-पग झण्डा भगवा का सब, भगवा में रँग जा रहे। माघ मास तुम धन्य हुए हो, कर जोड़कर करूँ प्रणामआओ स्वागत को आतुर हूँ, छोड़ बैठी हूँ निज काम इंतजार में सदियां

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राम जी की वंदना मे चार आख़र कह सकूँ

जय श्री राम🙏🏻 जय श्री राम🙏🏻 राम जी की वंदना मे चार आख़र कह सकूँ अपने अंतर्मन की पावन भावना मे बह सकूँ है अभिलाशा प्रभु के सब चरण वंदन करेंतन तो मिट्टी है परन्तु आत्मा चंदन करेंराम जैसा मन बने तो राम जैसा तन बनेशांतनु गर हम बने तो पुत्र भी सरवन बनेदो प्रभु

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कैकेयी ने फूल दिये कांटों की डगर नहीं

कैकेयी ने फूल दिये कांटों की डगर नहींकब राम हो गये राम, राम को खुद भी खबर नहीं राजतिलक की सुन तैय्यारी कैकेयी घबराईकहीं भटक ना जाये निज उद्देश्य से रघुराईअगर हो गया राजतिलक रघुवर बंध जायेगेधरती को कैसे दुष्टों से मुक्त करायेंगेदुनिया देगी ताना पर उद्देश्य ना जानेगीराम हमें हैं जान से प्यारा वो

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राम ही हैं

🚩”राम भक्त अधिक से अधिक भक्तों तक यह कविता पहुंचाएं”🚩🚩🚩जय श्री राम🚩🚩राम ही हैं आधार हमारे राम सभी के प्यारे हैंभवसागर जो पार कराकर करते हमें किनारे हैं शौर्य ऊर्जा के परिचायक राम ही असली नायक हैंमर्यादा पुरुषोत्तम वो इस संस्कृति के अधिनायक हैं राम के ऊपर कोई टीप्पणी करने वाला पापी हैजीने का अधिकार

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नील वर्ण जो हैं पीताम्बर

श्रीराम नील वर्ण जो हैं पीताम्बर ,रावण के संहारक राम ।शीश मुकुट धर कान में कुण्डल ,जग के हैं वो पालक राम । जानकी संग छवि जिनकी है ,जग में सबसे प्यारी ।त्रेतायुग के सूर्यवंशी नृप ,बलि बलि जाऊं तुम्हारी । कौशल्या और दशरथ के ,नयन सितारे राजदुलारे ।भ्राता जो आदर्श बनें, भरत के थे

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श्रीराम की हुई अवहेलना से

#श्रीराम श्रीराम की हुई अवहेलना से,आज कलम बहुत उदास है।लिखने को उठते हाथ हैं,पर कलम बहुत उदास है।। राघव की धरती पर, राघव का होता अपमान है।यह सोच सोच कर, कलम बहुत उदास है।। जय श्री राम लिखने भर से,जहां होता उद्धार है। उस देश में कलम से, किया ये कैसा परिहास है?? राम नाम

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