रामायण का सार है
रामायण का सार है,त्याग और अनुराग।युगों-युगों तक नहीं लगे,आदर्शों पर दाग।। राम लला से सीखिये,त्याग और अनुराग।वचन निभाने के लिए,दिया महल को त्याग।। आप बताएं राम सा,कैसे गढ़े चरित्र।ना ही गुरु वशिष्ठ हैं,और न विश्वामित्र।। माँ शबरी को देखकर, भावुक दीनानाथ।जूठे बेरन खा गए,बड़े जतन के साथ।। कुटिल मंथरा ने यहाँ, फेका ऐसा जाल।मात कैकई […]