2024-02

सिया की विदाई

घनाक्षरी छंद सिया की विदाई सकुचाते, शर्माते ,मंद-मंद मुस्काते ,राम जी के गले सिया डारी जय -माल है । देव-गण करें स्तुति, फूल बरसाएं सभी, लखि के जनक जी का ऊँचा हुआ भाल है । निरखत रामछवि ,मगन हुए हैं सभी ,जनक पुरी में कैसा हुआ रे धमाल है । नयनों में जल भरे, जनक […]

सिया की विदाई Read More »

राम अब घर को आएंगे।

राम अब घर को आएंगे। बांथ के बंधनवार द्वार घर खूब सजाएंगेघर घर जलते दीप राम अब घर को आएंगेझूम हम नाचे गाएंगे। झूम हम नाचे गाएंगे &&&खुशी से धूम मचाएंगे……………… श्याम सलोनी सुंदर मूरत लगती अति मनहारी सीरतबाल रूप की फैली कीरतनयन दर्शन को पाएंगेझूम हम नाचे गाएंगे। शोभा न्यारी है अवधपुरी कीद्वार द्वार और

राम अब घर को आएंगे। Read More »

🌼 मानव होना आसान नहीं 🌼

🌼 मानव होना आसान नहीं 🌼 इस धरती में जब-जब प्रभु ने मानव बन अवतार लिया,कभी त्यागना पड़ा राधिका, कभी त्यागना पड़ा दिया।मानवता और प्रभुता; दोनों को ढोना आसान नहीं,ईश्वर होना बहुत कठिन, मानव होना आसान नहीं।। रावण- वध-पश्चात् राम ने लक्ष्मण को आदेश किया,कर प्रबन्ध हे अनुज! अग्नि का पार करेंगी स्वयं सिया।क्रोधित होकर

🌼 मानव होना आसान नहीं 🌼 Read More »

कर्मों का फल

कर्मों का फल——————–उम्मीद नहीं थी राजा दशरथ को रानी कैकेई ऐसा वर भी मांगेगी। अपने ही लाडले राम को वह वन में भेजना चाहेंगी। होनहार यह कैसी राजा दशरथ का मंन डोला।अरे रानी फिर से तो सोचो भला यह तुमने क्या बोला ? राजा गिडगिडाते रहे पर रानी तो चुप खड़ी थी।अपनी एक ही बात

कर्मों का फल Read More »

राम जी आना पड़ेगा

राम जी आना पड़ेगा फिर से आओ राम धरा पर , अवधपुरी में ले अवतार।नारी की असमत लूटन को, रावण जन्म लिए हैं हजार। लाज बचाए कौन सिया अब ,बिकती देखो बीच बाजार।घर-घर में रावण बैठे हैं , नहीं सुरक्षित अबला नार।। आओ राम कृपा कर दो ,अन्याय नहीं मुझको स्वीकार।केवल काम चले  न धनुष

राम जी आना पड़ेगा Read More »

बड़े दिनों के बाद राम की चिट्ठी आयी है!!

गीत जय श्री रामबड़े दिनों के बाद राम की चिट्ठी आयी है!! अवधपुरी में जनक पुरी की मिट्टी आयी है!!! 22 जनवरी सन् 24 को दिन है बड़ा निराला!! सभी भक्त गण जपें देश में प्रभु श्रीराम की माला!! राम नाम की बजरंगी ने हुंकार लगायी है!! बड़े दिनों के बाद राम की चिट्ठी आयी

बड़े दिनों के बाद राम की चिट्ठी आयी है!! Read More »

राम तुम्हारे आने से

राम तुम्हारे आने से ,सृष्टि को स्वरूप मिला।जो बोझिल हो रही थी धरती ,उसका भी रंग- रूप खिला। बागों में कोयल कूके,क्यारियों में फूल खिले।पंछियों से भर गया है अम्बर,कोलाहल दिनमान रहा।राम तुम्हारे आने से,सृष्टि को स्वरूप मिला। माँ कौशल्या मुस्काये,बाबा दशरथ दुलारते।राजभवन में छाया मंगल,अम्बर से भी फूल झरे।राम तुम्हारे आने से,सृष्टि को स्वरूप

राम तुम्हारे आने से Read More »

राम तुम्हीं रवि

राम तुम्हीं रवि, तुम ही चन्दा, तुम ही नभ के तारे,दूर करो हे राम! तुम्हीं अब जीवन के अँधियारे ।एक तुम्हीं प्रभु नाथ हमारे। जब जब तप्त हुआ मन आँगन ,तुमने बरसाए शीतल घन ।ये थी कृपा तुम्हारी ही जो ,ऋतु हर एक हुई मनभावन ।एक तुम्हीं प्रभु हो हिय की इस बगिया के रखवारे।

राम तुम्हीं रवि Read More »

भव सागर तर जायेंगे

भव सागर तर जायेंगे जो प्राणों में बसते हैं हम उनका भवन सजाएंगे,प्राण प्रतिष्ठा करके हम भव सागर तर जायेंगे…. मन में राम हैं, तन में राम,सृष्टि के कण कण में राम,फिर भी मूढ़ मति मानव है देखो मांग रहा है प्रमाण ,पांच शतक से निर्वासित जो पुनः स्वरूप दिखाएंगे,प्राण प्रतिष्ठा करके हम भव सागर

भव सागर तर जायेंगे Read More »

ना तेरी है ना मेरी है

भजन ना तेरी है ना मेरी है ,दुनिया उसने बनाई है ।सारा जग है उसका तो,किस बात की लड़ाई है। पानी में पत्थर तैराते ,भक्त जिनके हनुमान हैं ।मां के वचन निभाने वाले,पिता के जो प्राण हैं।कहते है सब भगवान जिसे,वो ही तो श्री राम है। ना तेरी ना मेरी ये दुनिया ,ये दुनिया उसने बनाई

ना तेरी है ना मेरी है Read More »