ना तेरी है ना मेरी है

भजन

ना तेरी है ना मेरी है ,
दुनिया उसने बनाई है ।
सारा जग है उसका तो,
किस बात की लड़ाई है।

पानी में पत्थर तैराते ,
भक्त जिनके हनुमान हैं ।
मां के वचन निभाने वाले,
पिता के जो प्राण हैं।
कहते है सब भगवान जिसे,
वो ही तो श्री राम है।

ना तेरी ना मेरी ये दुनिया ,
ये दुनिया उसने बनाई है।
सारा जग है जब उसका,
फिर किस बात की लड़ाई है।

सरयू किनारे जिसको,
केवट पार उतारे।
वन में आकर जिसने,
भीलनी के भाग संवारें ।
अपने भक्तो का जो,
बनते सदा सहारे।
अयोध्या में आते ही जिसके,
फैले हैं उजियारे।
मर्यादा का पाठ पढ़ाते,
वो ही तो श्री राम हैं ।

ना तेरी ना मेरी ये दुनिया,
ये दुनिया उसने बनाई है।
सारा जग है जब उसका ,
फिर किस बात की लड़ाई है।

नीलम बंसल