राम अब घर को आएंगे।

राम अब घर को आएंगे।

बांथ के बंधनवार द्वार घर खूब सजाएंगे
घर घर जलते दीप राम अब घर को आएंगे
झूम हम नाचे गाएंगे। झूम हम नाचे गाएंगे &&&
खुशी से धूम मचाएंगे………………

श्याम सलोनी सुंदर मूरत 
लगती अति मनहारी सीरत
बाल रूप की फैली कीरत
नयन दर्शन को पाएंगे
झूम हम नाचे गाएंगे।

शोभा न्यारी है अवधपुरी की
द्वार द्वार और गली गली की
जै राम नाम बजरंगबली की
जयकारा खूब लगाएंगे
झूम हम नाचे गाएंगे।

कई शतकों की इच्छा भारी
अब प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी 
मंगलकारी पावनकारी
पुष्प हम सब बरसाएंगे
झूम हम नाचे गाएंगे।

अवध नगरिया सजी अलौकिक
मंदिर प्रांगण  सज्जा भौतिक
वर्ष चौबीस हुई है सार्थक 
शुद्ध घृत दीप जलाएंगे 
झूम हम नाचे गाएंगे।

घर घर जलते दीप राम अब घर को आएंगे
झूम हम नाचे गाएंगे। झूम हम नाचे गाएंगे 
खुशी से धूम मचाएंगे………………

डॉ अलका गुप्ता ‘प्रियदर्शिनी’
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।