भव सागर तर जायेंगे
भव सागर तर जायेंगे जो प्राणों में बसते हैं हम उनका भवन सजाएंगे,प्राण प्रतिष्ठा करके हम भव सागर तर जायेंगे…. मन में राम हैं, तन में राम,सृष्टि के कण कण में राम,फिर भी मूढ़ मति मानव है देखो मांग रहा है प्रमाण ,पांच शतक से निर्वासित जो पुनः स्वरूप दिखाएंगे,प्राण प्रतिष्ठा करके हम भव सागर […]
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