गीत
मेरे दिल में बसे रघुवर तुम्हे कैसे मनाऊँ मैं।कुछ भी छुपा नहीं तुमसेतुम्हे क्या बताऊँ मैं। तुम्ही कण कण में बसते होअवध में तुमको पाया है।जब भी आँसू मेरे आएबन गए मेरा साया है।तुम्हे क्या आजमाऊँ मैं।मेरे दिल———————- मेरी धड़कन कहे रघुवरदिल से आवाज आती है।तेरे दर्शन को अब मेरीअखियाँ तरस सी जाती है।तुझे कैसे […]