शत -शत नमन

शत -शत नमन ,शत -शत नमन ,प्रणाम तुमको राम है ,
आएँगे लछमन ,राम ,सीता सबमें चर्चा आम है,

जप तप किए उपवास जो फल भक्तजन को दीजिये,
शबरी समझ कर ही ज़रा उपकार मुझपर कीजिए ,
श्रद्धा सुमन के बेर हैं जिह्वा प पावन नाम है ।
आएँगे ——-

अपराधिनी हूँ पापिनी पत्थर बनी कब से पड़ी ,
कृपालु मुझ पर भी घुमा दो अपनी कृपा की छड़ी,
इक ओर चारों धाम सर्वोपर अवधपुर धाम है ।
आयेंगे———-

घट घट में प्रभु श्री राम लछमन और सिया का वास है ,
फिर आपके अस्तित्व पर सबको हुआ विश्वास है ,
क्या धर्म ,मर्यादा ,वचन है आपका पैग़ाम है।

सीमा शर्मा मेरठी