राम चले वनवास सिया जब बोल उठे तब लक्ष्मण भाईBy Shri Rammandir Kavya / June 13, 2025 राम चले वनवास सिया जब बोल उठे तब लक्ष्मण भाईकेवल सार यही इस जीवन का नत मस्तक हों चरणाईधर्म कहे उस ओर चलो जिस राह चलें हमरे रघुराईसोच रहे चुप राम खड़े अब के हठ लक्ष्मण ने दिखलाई रचना निर्मल