राक्षस रावण जा पहुँचा वन पंचवटी हरने परनारीBy Shri Rammandir Kavya / June 13, 2025 राक्षस रावण जा पहुँचा वन पंचवटी हरने परनारी जंगल खूब घना जिसमें सह कष्ट रहे वह राजकुमारी मोहित था लख सुंदर नार हिया चुभती वह नैनकटारी भेष धरा उसने मुनि का जब , ली छल से हर राम पियारी। रचना निर्मल