चौपई/जयकरी छंद
मेरे राम
मनभावन सुखदायक नाम,श्री सुरनायक मेरे राम।
दिव्य अयोध्या जिनका धाम,नाम जपें बन जाए काम।। हर युग में ले कर अवतार, दुष्टों का करते संहार।
जनक नन्दिनी इनके वाम,दीन-दुखी को लेते थाम।।
मंगल मूरत संयत काज,भक्त-हृदय पर करते राज।
मर्यादा पुरुषोत्तम राम ,उन से बढ़ कर उनका नाम।।
छवि देखें अरु करते जाप,कष्ट मिटे कट जाएँ पाप।
कलयुग में अब लो अवतार,नैया आप लगाओ पार।।
दीप्ति अग्रवाल ‘दीप’