महिमा उस अविनाशी की जो बनाए बिगड़े काम
घट-घट में क्या ढूंढे भक्तों, जप ले राम का नाम।
जो मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये, भगतों वो भगवान
देव भी जिनकी पूजा करते फिर भी थे इंसान ।
वचन के खातिर वैभव त्यागा, रखा पिता का मान
जपले उनका नाम रे बन्दे मिटे सभी अज्ञान।
जिसके चरण कमल से बहती, निर्मल गंगा धारा हो,
सेवक उसका इस जग, क्यों ना वो सबका प्यार हो ।
निर्मम शत्रु के लिए भी, जिसके मन प्रेम की धरा हो ।
उस राघव रघुनन्दन का ,बोलो जय जय करा हो ।
माँ सीता के लिए जिन्होंने, सारा सागर पार किया
पर पीडा उपकार उन्होंने, दुष्टो का संहार किया ।
लक्षणम जैसा भाई जिनका ,हनुमान सा सेवक हो
मेरी नैया पार लगा दो ,तुम ही मेरे केवट हो ।
छोटी सी रचना है मेरी ,उसे जरा स्वीकार करो ।
कसम तुम्हे सीता मैया की, मेरा भी उद्धार करो ।।
सोनिया सोनी (भिलाई छत्तीसगढ़)
जय जय श्री राम
🙏🏻🌸🌸🌸🙏🏻