हे राम कृपा करना ,मुझे मोक्ष कभी नहीं देना,
जन्म जन्म में वास प्रभु जी, अवधपुरी में देना।
हे राम——‐
नभ में जल में या थल में,जिस योनी में जन्म मिले,
अवधपुरी की पावन रज का,सुखद स्पर्श मिले,
श्रद्धा का मान रख लेना, मुझे मोक्ष कभी नहीं देना।
हे राम——–
हे रघुनंदन सरयु के शुभ तीर्थ सलिल में, मछली मैं बन जाऊँ
भक्तों की नित चरण धूलि का,चंदन तिलक लगाऊँ,
मेरी विनती सुन लेना,मुझे मोक्ष कभी नहीं देना।
हे राम——–
सेवकों की मंडली में ,यदि एक सेवक बन जाऊँ,
प्रतिपल सेवा करूंआपकी,चरण पखारूॅ,आरती उतारूॅ जन्म सफल कर देना।
हे राम ———–
नभचारी यदि पक्षी बनूँ,नित भवन के चक्कर काटूॅ,
कभी अंदर कभी बाहर उड़कर अवध पुरी को निहारूॅ ,
मेंरे भाव सफल करना,मुझे मोक्ष कभी नहीं देना।
हे राम——‐
स्वरचित
डाॅ.शारदा मिश्रा
नोएडा–09-01-2025