राम बसे हैं मन में

राम बसे हैं मन में

भारत के जन जन में
राम बसे हैं हर मन में

केवट के भावों में राम
शबरी के बेरों में राम
तिरते पत्थरों में राम
यहाँ के कण -कण में
राम बसे हैं हर मन में।

पवन सुत की भक्ति में राम
भातृ -प्रेम में बसे हैं राम
पितृ- आज्ञा में रमे हैं राम
काल के क्षण -क्षण में
राम बसे हैं हर मन में।

नैतिकता में है राम
सत्य, प्रेम, धैर्य क्षमा,
आदर्शों के प्रमाण राम
नहीं चूकते अपने प्रण में
राम बसे हैं हर मन में।

वचनों से बँधे हैं राम
कर्तव्यों को निभाते राम
त्याग, करुणा की मूर्ति राम
पीड़ितों के तन-तन में
राम बसे है हर मन में

मर्यादा पुरुषोत्तम राम
दुःखियों के सखा हैं राम
मुक्ति के द्वार हैं राम
भारत के जन-जन में
राम बसे हैं हर मन में

सुदर्शन रत्नाकर
मोबाइल नम्बर—9811251135