‘अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा ‘
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रामलला हैं लौटे अपने ही घर में,
पांच सौ वर्षों की लंबी ये लड़ाई थी।
बलिदान दिया था जितने भी वीरों ने,
टेंट में प्रभु देख आंख भर आई थी।
खुश हो रहे होंगे वो वीर भी आज,
संघर्ष जो अभी तक बनाए रखा गया।
सनातन की ही होती जीत हरदम है,
समय ये फिर से सबको दिखा गया।
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्य देख प्रभु राम का,
हर्षित हो रहा विश्व के जन जन का मन है।
जलेगा दिया हर घर राम जी के नाम का,
जन जन के राम को बारंबार नमन है।
हृदय से आभार सर्वोच्च न्यायालय को बहुत,
मोदी, योगी व उनकी सरकार का भी आभार है।
रच दिया इतिहास ला दी चिर प्रतीक्षित शुभ घड़ी,
नमन आपकी भक्ति और संकल्प को बारंबार है।
— अशोक छाबड़ा, कवि, गुरुग्राम।