शीर्षक – राम अवध में पधारे
राम भवन में पधारे ,आओ दीपक जलाएंगे।।
आए दिन ये सुखारे, आओ दीपक जलाएंगे।।
जन्म तुम्हारा हुआ अवध में
नर नारी सब नाचे अवध में
ढोल मंजीरा बाजन लगे खबर यह सबको सुनायेंगे।।
आओ दीपक जलाएंगे।।
राम भवन में पधारे ,आओ दीपक जलाएंगे।। 1
राम लला भैयन संग खेलें ।
कागभुशुण्डि भी संग में खेलें।
दौड़ैं कागा के पीछे पीछे, उसे रोटी खिलाएंगे।।
आओ दीपक जलाएंगे।।
राम भवन में पधारे ,आओ दीपक जलाएंगे।। 2
सीता स्वयंवर जनकपुरी में ।
शिव धनुष रखा है जनकपुरी में।
धनुष को भंग किया है, सीता को ब्याह के लायेंगे।।
आओ दीपक जलाएंगे।।
राम भवन में पधारे ,आओ दीपक जलाएंगे।। 3
आए अयोध्या अब राज मिलेगा।
विधि का लेखा पर नहीं मिटेगा।
जीत लंका अवध में आएंगे, हम खुशियां मनाएंगे।
आओ दीपक जलाएंगे।।
राम भवन में पधारे ,आओ दीपक जलाएंगे।। 4
बहुत दिनों तक करी प्रतीक्षा।
दुनियां ले चुकी बहुत परीक्षा।
अब निज मंदिर में आएंगे, आओ घर को सजाएंगे।
आओ दीपक जलाएंगे।।
राम भवन में पधारे ,आओ दीपक जलाएंगे।। 5
रचना-
अरुणा राणा
ग्रेटर नोएडा
9555788709