#राम
राम वो जिससे जगता है पूरा भारत
राम वो जिससे भारत लगता है भारत
राम की खुशबू उत्सव के पकवानों में
राम वही जो लेटा खेत -बथानों में
राम वही जो स्वामी है सबके मन का
राम वही जो तुलसी मेरे आंगन का
राम वही जो स्थित कुटी, मकानों में
राम फसल वो गाये जो खलिहानों में
राम विराजित जो कोयल की तानों में
राम वही जो व्याप्त अन्न के दानों में
राम वही जो उतरे सीधा प्राणों में
राम मिले जो बच्चों की मुस्कानों में
राम कि जिसको लेकर नदियां बहतींं हैं
राम वो जिसमें मिली हवाएं रहतीं हैं
राम जो रहता है सर्वत्र विराजित नित्य
राम कि जिससे हैं ज्योतित सब चंद्रादित्य
राम वो जिसके बिना कुंवारी रहती रूह
राम कि जिसको पाना है नहीं अति दुरुह
राम वही जो शुभकर्मों का प्रतिफल है
राम वही जिससे निर्मित गंगाजल है
राम वही जो चुभन है देता शूलों को
राम वही जो खुशबू देता फूलों को
राम वही जो परे है तन ,मन, बुद्धि से
राम वही जो मिले हृदय कीशुद्धि से
राम वही जो बसता देव ,मनुज ,सुर में
राम वही जो है सबके अंत:पुर में
राम कि जिसको नहीं सुहाता कोई छल
राम वही जो चर-अचरों का है संबल
राम चहकते शिशुओं के बिखरे लट में
राम गांव की माताओं के घूंघट में
राम कि जिसको कोई पूरा कह न सका
राम कि जिसके रहते फिर कुछ रह न सका
राम कि जिसके उर में नहीं विषमता है
राम पिता की डांट जो मां की ममता है
राम वही है एक सनातन और नवीन
राम वही इक सागर सारी सृष्टि मीन
राम निशा है, मध्याह्न है , भोर व शाम
राम जहां है सिर्फ़ वहीं पर है ‘आराम’
-कुंदन आनंद
+919117361775
समस्तीपुर, बिहार