जयश्रीराम
सुमरिन दिल से जो करें,बनते उनके काम
राम राम सब बोलिये ,जय जय हो श्रीराम
राम लखन औ जानकी,चले गये बनवास
राक्षस का संहार कर, रोका यहां विनाश
दर्श राम के जो करे,पा जाता सुख धाम
सुमरिन दिल से जो करे,बनते उनके काम
मिलन हुआ बजरंग से,चिंता हो गईं दूर
जंगल में सुग्रीव ने,साथ दिया भरपूर,
शरण विभिषण आ गया, देखे जब श्री राम
सुमरिन दिल से जो करे,बनते उनके काम
कार्तिक वाली रात को,वापस आए राम
घर घर दीवाली मनी, खुशियां मिलीं तमाम
रामराज भी आ गया,हुए पूर्ण सब काम
सुमरिन दिल से जो करे,बनते उनके काम
डॉ महेंद्र शर्मा मधुकर
स्वरचित