शीर्षक – राम जन्म
राम जन्म की बेला में मन खो गया ।
प्रभु चरणों का दर्शन मुझको हो गया।।
मां कौशल्या ने जब उपकार किया।
प्रभु ने देखो अवधपुरी अवतार लिया।। दशरथ जी का खुशी से उत्सव हो गया। 1
राम जन्म का तोहफा देखो आज मिला । अवधपुरी को एक नया युवराज मिला ।।
जनता को आल्हाद अनोखा हो गया। 2
जिसको देखो आज खुशी से पागल है। जन-जन का सस्ता घर आंगन है ।
रघुकुल में उत्साह अनोखा हो गया ।। 3
राम बड़े तो छोटे लक्ष्मण भाई हैं ।
भरत शत्रुघ्न में भी तो तरुणाई है।
तीनों माताओं को सुख हो गया ।। 4
राम अवध में ले लीने अवतार हैं।
भारत का सबसे बड़ा त्योहार है।
जीवन सफल हमारा हो गया ।। 5
राम जन्म की बेला में मन खो गया।।
रचयिता-
प्रवल प्रताप सिंह राणा ‘प्रवल’
ग्रेटर नोएडा