राम का नाम हम लेते हैं,
दिन – दोपहर , सूबहों – शाम।
प्रभु तुम्हें प्रणाम, प्रभु तुम्हें प्रणाम।
प्रभु तुम्हें प्रणाम, प्रभु तुम्हें प्रणाम।
हुआ अयोध्या में राम का जन्म,
मन सबका हर्षाया था
प्यार बांटा भाईयो में,
सबको प्रेम सिखाया था।
बनकर सदाचारी श्रीराम ने,
कर्तव्य अपना निभाया था।
छूकर शिला अहिल्या की,
श्राप से मुक्त कराया था।
श्रीराम के चरणों में है,
जीवन के चारों धाम।
प्रभु तुम्हें प्रणाम, प्रभु तुम्हें प्रणाम।
प्रभु तुम्हें प्रणाम, प्रभु तुम्हें प्रणाम।
श्रीराम जी ने विनती कर,
शिव जी को मनाया था।
जीती थी सोने की लंका,
दसकंधर को हराया था।
शरण में आये शत्रु को भी,
अपने गले लगाया था,
दुष्टों का अंत कर लौटे जब,
सबने दीप जलाया था।
अहंकार पर जीत शौर्य की,
यही तो है धर्म का नाम।
प्रभु तुम्हें प्रणाम – प्रभु तुम्हें प्रणाम।
प्रभु तुम्हें प्रणाम – प्रभु तुम्हें प्रणाम।
राम का नाम हम लेते हैं,
दिन – दोपहर, सूबहों – शाम,
प्रभु तुम्हें प्रणाम……..
**********
नाम – उमा शिव
बोथवा – तहसील – तिरोड़ीृ
जिला -. बालाघाट, मध्य प्रदेश —
पिन 481445