राम वो है जो वचनों के आज्ञाकारी हैं।
राम वो है जो जगत के त्रिपुरारी हैं।।
राम वो है जो खुद रवि सा ताप हैं ।
राम वो है जो गीत का अलाप हैं।।
राम वो है जो शबरी के झूठे बेर खाते हैं।
राम वो है जो विभीषण को गले लगाते हैं।।
राम वो है जो सभी का मान बढाते हैं।
राम वो है जो जीवन मे ज्ञान पढाते हैं।।
राम वो है जो कौशल्या की आँखो के तारे हैं।
राम वो है जो दशरथ को प्राणों से प्यारे हैं।।
राम वो है जो सत्यता का गुमान हैं ।
राम वो है जो मर्यादा का सम्मान हैं।।
राम वो है जो सीता के लिए सब कुछ हारे हैं।
राम वो है जो रावण को मृत्यु के घाट उतारे हैं।।
राम वो है जो बल एवं बुद्धि का पर्याय हैं।
राम वो है जो दया व भाव का अध्याय हैं।।
राम वो है जो बजरंगी के ह्रदय मे बसते हैं।
राम वो है जो भरत और लक्ष्मण भजते हैं।।
राम वो है जो केवट के नेत्रों से बहते हैं ।
राम वो है जो सभी मे मौजूद रहते हैं ।।
~ (मनन तिवारी )