राम के दो अक्षरों में है छुपा ब्रह्मांड सारा

राम के दो अक्षरों में है छुपा ब्रह्मांड सारा
राम जी के रूप में ही ब्रह्म ने अवतार धारा
शेषावतार लक्ष्मन शंकर सुवन हनुमान जी
आदिशक्ति माँ सिया सँग हिय बसो श्रीराम जी

राम अविनाशी अनश्वर श्रिष्टि के है परम् कर्ता
राम ही हैं सत्य केवल भक्तवत्सल विघ्नहर्ता
श्री हरी कोडंड धारी जगत पालक दिव्य शक्ति
श्री राम प्रभु के चरण रज में हो हमारी पूर्ण भक्ति
भाई भरत प्रियशत्रुघन सँग मन बसो श्री राम जी

इस त्रिलोकी में अपरमित शक्ति का संचार है
राम ही सब शक्तियों के योग,वो ही सार हैं
विध्वंस की ऊर्जा हैं वो,वो ही सृजन के हैं नियंता
सद्पुरुष के वो हैं रक्षक, दुष्ट दुर्जन के हैं हंता

इस सृष्टि के दो ध्रुव अटल इक राम जी इक जानकी

है अयोध्या जन्म नगरी राम के अवतार की
निराकारी बह्म के लघु रूप के आकर की
यह नगर है स्वर्ग सम प्रभु राम की धरती यही है
त्रिविध तापिक कष्ट को क्षंण मात्र में हरती यही है

मिलता परमपद मोक्ष है, यदि हो कृपा श्री राम की

नाम:- राजेश कुमार
कांट्रेक्टर, लेखक, फ़िल्मकार,दोहाकार
मुंबई