अवध में आए हैं मेरे प्रभु राम रे

सखी दीवाली मनाओ सुबह-शाम रे
अवध में आए हैं मेरे प्रभु राम रे
ढोल मंजीरों की सुनाओ री तान रे
अवध में आए हैं मेरे प्रभु राम रे।

मैं तो सदियों से देख रही बाट रे
खोले बैठी हूं दिल के कपाट रे
लला आएंगे तो चूमूंगी ललाट रे
फूलों से सजेगा पूरा अयोध्या धाम रे
अवध में आए हैं मेरे प्रभु राम रे

सिया संग अयोध्या पधारेंगे राम रे
अश्रु धारा से उनके धुलेंगे पांव रे
संग होंगे भाईलक्ष्मण भक्त हनुमान रे
कानों में गूंजे हरदम जय श्री राम रे
अवध में आए हैं मेरे प्रभु राम रे।

मंगल गीत गाओ रे,चंवर झुलाओ रे
भोग लगाओ रे,सब मिल के गाओ रे
जय सियाराम,जय सियाराम रे
राममय नारों से गूंजेगा पूरा आस्मां रे
अवध में आए हैं मेरे प्रभु राम रे।
सुनीता भट्ट गोजा।
जम्मू कश्मीर