राम का प्रमाण
क्या प्रमाण दूं राम का
कैसा प्रमाण दूं राम का ।
पहले तुम रामायण पढ़ो
उसके सातों कांड पढ़ो
फिर सारे वेद पुराण पढ़ो
फिर आचार्यों से
शास्त्रार्थ करो
तब मांगना तुम प्रमाण।
कहां नहीं है राम?
कण-कण में
तृण तृण में
घट घट में
रोम रोम में
हर जगह
विराजमान है राम।
जीवन भी राम
मृत्यु भी राम
राम एक आस्था है
इसका प्रमाण में कैसे दूं?
राम एक आशा है
इसका प्रमाण में कैसे दूं?
राम अरमान है
राम बलिदान है
राम सम्मान है
राम अभिमान है
राम स्वाभिमान है
राम पहचान है
राम भगवान है
क्या प्रमाण दूं
भगवान का?
जो मानवीय मूल्यों के
आदर्श हैं
उन्हें साक्ष्य की
जरूरत क्या?
जो इतिहास से ही परे हैं
उनका इतिहास क्या ?
और साक्ष्य क्या?
राम एक नाम है
सत्य का विश्वास का
धैर्य का कर्तव्य का।
राम भारत की संस्कृति है
राम भारत का अस्तित्व है
राम भारत का गौरव है
राम भारत का
दिल है
धड़कन है
धड़कनों का प्रमाण कैसा?
जटायु के पंखों में राम
शबरी के बेरों में राम
केवट की नाव में राम
हनुमान की छाती में राम
भरत की खड़ाऊं में राम
विभीषण की जीवाह में राम
जहां ढूंढोगे वहीं राम ही राम
किसी भी मजहब से
ऊपर है राम
राम एक चरित्र है
ना हिंदुत्व में
ना संप्रदाय में
राम संस्कार है
संस्कार का प्रमाण कैसा?
लोक जीवन में है राम
लोक मान्यता में है राम
लोक संस्कृति में है राम
सूरीनाम ,वेस्टइंडीज
नेपाल ,भूटान,
बांग्लादेश के ग्रंथों में जीवंत है राम।
सीरिया मिश्र बेल्जियम अमेरिका ,रुस ,इंग्लैंड
दुनिया में बिखरा है
राम का नाम।
राम वैश्विक है ।
जावा में
पुरुषोत्तम है राम
मलेशिया में
हिकायत सिरी राम
थाईलैंड में रामकियेन
कंबोडिया में रामकोर
लाओस में फालाक फालाम
इंडोनेशिया में काकाविन है रामकथा।
श्रीलंका की तो
बात ही क्या!
कहां-कहां के प्रमाण दूं ।
इसी राम के प्रताप से
फेंके पत्थर तिर गए ।
वह चौपाई है ना
“नील नल कपि द्वौ भाई
लरिकाई रिषीआसिष पाई
तिन्ही के परस किए
गिरि भारे
तरहि जलधि प्रताप तुम्हारे।”
सौ योजन लंबे उस
राम सेतु से
पूछा क्या किसी ने
क्यों तिर रहा तू
आज तक भाई?
राम प्रेरणा है
तपस्या है
संघर्ष है संहार है
संयम है त्याग है
राम ही न्याय है ।
विडंबना देखिए!
न्याय से न्याय
प्रमाण मांग रहा है।
हजारों बरसों से
नहीं उठा ये सवाल
फिर आज राम पर
सवाल क्यों?
ये कलयुग है भाई
कलियुग
इस कलयुग को
सतयुग का प्रमाण चाहिए।
ये राम भक्तों का दुर्भाग्य
जो राम वजूद पर
सवाल उठा ।
ये देश का दुर्भाग्य
जो कचहरी तक गया।
ये विश्व का दुर्भाग्य
जो साबित करना पड़ा।
धन्यवाद।
जय श्री राम
डा अंजू अग्रवाल ‘उत्साही ‘
दिल्ली