अयोध्या नगरी चलो खुशियाँ मनाएं।

राम
अयोध्या नगरी चलो खुशियाँ मनाएं।
झूम झूम गाएं और बाजा बजायें।।
मंदिर भव्य बना है अयोध्या में।
सरकार रघुवर बिराजे अयोध्या में।।

धन्य धन्य भाग्य हमारा दर्शन करेंगे।
वर्षों की तपस्या अब सफल करेंगे।।
करेंगे कृपा रामजी जीवन धन्य बनेगा।
मन से लगन मेरा चरणों में लगेगा।।

तुम आ जाना रघुवर मेरे भी जीवन में।
जब बात कभी होगी तेरी मेरी होगी।।
तुम छा जाना रघुवर मेरे मन मस्तिष्क में।
कुछ भी न अब चाहत मेरी तुमसे है।।

ये रंग बड़ा ही है बदरंग जमाने का।
मन नहीं लगा मेरा अब तो जमाने में।।
तुम्हें पा लिया मैंने कुछ भी न है गिला।
बस है यही मन में तुम्हें पुजू जीवन भर।।

अब हर जनम में तुम मेरे साथ रहोगे।
कर दो बस पूरी ये अर्जी मेरी रघुवर।।
बार बार जनम से दे दो मुक्ति रघुवर।
बस रहूँ तुम्हारे चरणों की धूलि बनकर।।

अयोध्या नगरी चलो खुशियाँ मनाएं।
झूम झूम गाएं और बाजा बजायें।।
मंदिर भव्य बना है अयोध्या में।
सरकार रघुवर बिराजे अयोध्या में।।
स्वरचित- अरुण कुमार श्रीवास्तव, लखनऊ