कृपालु राम
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मेंरे दिल में सदा राम सरकार हो
मुख में दशग्रीवहंता की जयकार हो।
राम रघुवर कृपालु को शत शत नमन
प्रार्थना मेरी रघुवर को स्वीकार हो।
बन के सेवक रहूँ सीतापति का सदा
नाथ का मुझ अकींचन पे उपकार हो।
जोड़कर कर को करता हूँ विनती प्रभो
शांति सुख से भरा सारा संसार हो।
आप जैसा दयालु है कोई नहीं
आपके स्नेह ही सब पे बौछार हो।
ताड़का काल को मैं पुकारा कहूँ
जब भी मुझ पर कोई कष्ट का वार हो।
करना ऐसी कृपा मृत्यु जब हो निकट
राम रटते हुए मेरा उद्धार हो।
अवधेश कनौजिया