स्वरचित, गीत/भजन

स्वरचित, गीत/भजन


काम क्रोध लोभ मोह, व्याधियां तमाम हैं।
इनसे डर का काम क्या है, साथ में जो राम है।।

राजपाठ छोड़ दिया, था पिता के वास्ते,
सुख की सेज त्याग चुने, कण्टकीर्ण रास्ते,
धैर्य धर्म वीरता का दूसरा ये नाम है।
इनसे डर का काम क्या है,,,,,,

रिश्तों का स्वरूप क्या हो, ये सिखाया राम ने,
न्याय धर्म सत्य पथ पे ही, चलाया राम ने
जीव जगत सब है झूट, सत्य सिर्फ राम है,,
इनसे डर का काम क्या है,,,,,,,

अनवरत हों साधनाएं ,क्यूँ लगें विराम से
राम के भी काम बनें, राम के ही नाम से
राम से बड़ा जगत में, राम का ही नाम है।
इनसे डर का काम क्या है,,,
काम क्रोध लोभ मोह,,,,
इनसे डर का काम क्या है,,,

देवेन्द्र शर्मा
9810495844