मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम
(१).
मात-पिता का श्राप, अधूरा रह जाता।
देवों का संताप, अधूरा रह जाता।
मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे कहलाते?
ऋषि मुनियों का जाप, अधूरा रह जाता।
(२).
समय-सत्य का बोध, अधूरा रह जाता।
केवट से अनुरोध, अधूरा रह जाता।
मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे कहलाते?
रावण का प्रतिशोध, अधूरा रह जाता।
(३).
भ्रात – प्रेम, अनुराग, अधूरा रह जाता।
गीध जटायु त्याग, अधूरा रह जाता।
मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे कहलाते?
शबरी अटल बिराग, अधूरा रह जाता।
(४).
सेवा और सत्कर्म, अधूरा रह जाता।
मनुज दनुज का मर्म, अधूरा रह जाता।
मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे कहलाते?
मानवता का धर्म, अधूरा रह जाता।
✍️ शिव प्रभाकर ओझा…..
एन आई टी, फरीदाबाद।