चलो अयोध्या धाम
अवध में फिर आएंगे राम!!-२
सीता लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न और वीर हनुमान!
दशरथ के प्रभु राजदुलारे
कौशल्या की आँखों के तारे
प्रजा वत्सल शबरी के प्यारे हे जगत निधान!
ख़ूब सजी है अवध नगरिया
लगती जैसे कोई दुल्हनिया
बरसों का सपना पूरा होगा बनेगा तीर्थ धाम!
पूरी हुई है अब जाके परीक्षा
हमने की अब तक बहुत प्रतीक्षा
अब तक थे तम्बू में प्रभु, विराजेंगे निज धाम!
आखिर सत्य की जीत हुई है
सबको श्रीराम से प्रीत हुई है
जन जन के उद्धार हेतु अब होगा नवनिर्माण!
भाँति भाँति की मिट्टी लाए
शिलान्यास पूजन करवाए
भव्यमंदिर बनाने का हो रहा पूर्ण अब काम!
चंचल हरेंद्र वशिष्ट, नई दिल्ली भारत