रामचरितमानस

पावन ग्रंथ रचित रामायण, गुणगान इनका कीजिए।
शुचितम वंश सुखद रघुनंदन, यशगान इनका कीजिए।।
जय बोलो रामायण की, जय बोलो रघुनंदन की।।

सच्ची भक्ति प्रभु चरणों में , नैया पार लगाती है ।
निष्ठा मात पिता गुरुवर की , गंगा ज्ञान बहाती है।।
अनुशासन और मर्यादा की , सीमा निश्चित कीजिए ।।
पावन ग्रंथ रामायण……

विजय सदा हो अच्छाई की , बुराई हार जाती है।
सबका हो सम्मान परस्पर, , जाति दुराव मिटाती है ।।
सदगुण और सद्भभावना हो , रसपान इनका कीजिए।।
पावन ग्रंथ रामायण……

पारस्परिक प्रेमिल मधुरता , का संज्ञान सिखाती है।
मोल नहीं ऐश्वर्य मात्र का , यह संदेश सुनाती है।।
रामचरण जब शरणागत हो , शीश मुकुट धर दीजिए ।।
पावन ग्रंथ रामायण…..
कल्याणी झा कनक
रांची, झारखंड
मौलिक, सर्वाधिक सुरक्षित


कल्याणी झा कनक
रांची, झारखंड
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+91 95083 13835