हम उनको नमन और वंदन करते, कोटि कोटि अभिनंदन करते,
जो लाए अयोध्या में बहार, राम जी की महिमा अपार _
ध्यान नही उन पर था किसी का, न ही ठिकाना था प्रभु राम का,
भक्तों को दिखाया चमत्कार,
राम जी की महिमा अपार __
कितने बरस तंबू में गुजारे, अच्छे दिवस की राह निहारे,
रामजी जब पहुंचे दरबार,
रामजी की महिमा
अपार__
(एक युग पुरुष की नजरपड़ी जब)
सब भक्तों की नज़र पड़ी जब, सारी श्रृष्टि संग हुई तब,
हुई प्रतिष्ठा धुंआधार
राम जी की महिमा अपार __
अयोध्या नगर की शोभा है जो, हर भक्तों के मन में बसे वो,
उनके दर्शन को सब बेकरार
राम जी की महिमा अपार _
अच्छे बुरे दिन सब आयेगे, फिर भी नही हम घबरायेगें,
उनके आदर्श विचार
राम जी की महिमा अपार,__
रेखा शंखवार औरैया
(उत्तर प्रदेश)