दिव्य अयोध्या धाम(गीत)
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सारी दुनिया चकित हुई है ,
देख अयोध्या धाम।
धाम की बात निराली,
लला की सूरत प्यारी ।
अभिनन्दन में रघुनन्दन के,
अद्भुत रौनक़ छाई है ।
देख लला की प्यारी मूरत ,
ऑंखें भर भर ऑई है ।
जन जन पुलकित ,तन मन पुलकित,
ह्रदय हिलोरे खाए।
लला की सूरत प्यारी,
धाम की बात निराली ।
सारी दुनिया चकित——
एक राग है एक भाव है ,
एक हुआ भारत सारा।
विश्व समूचा देख रहा है ,
नव्य दिव्य प्रभु का द्वारा ।
रात दिवस सब ठहर गए हैं ,
नयनन में बस राम।
राम की लीला न्यारी ,
धाम की शोभा प्यारी ।
सारी दुनिया चकित———
समरसता की पावन सरजू ,
गाँव गाँव में आई है,
समरसता की पावन सरजू,
शहर शहर में आईं है ।
बाल वृद्ध सारे नरनारी,
डुबकी खूब लगाई है ।
अमृत वर्षा करी प्रभु ने ,
भीगे तन मन प्राण ।
प्रभु की शोभा न्यारी ,
धाम की बात निराली ।
सारी दुनिया चकित———
राम सभी के,सभी राम के ,
भेदभाव सब दूर करो।
धैर्य धर्म मर्यादा मानो,
राग द्वेष से मुक्त रहो।
जीव मात्र में राम बसे हैं ,
करो मान सम्मान ।
यही है पूजा सारी,प्रभु की कृपा निराली।
सारी दुनिया चकित———-
प्रभु की लीला प्रभु ही जानें ,
वेद पुरान बखानी है ।
हर युग में हर काल खंड में ,
भक्तों की कीर्ति बढ़ानी है ।
बडभागी भक्तों के क्रम में,
जोडे कुछ और नाम ।
प्रभु की लीला न्यारी,
धाम की बात निराली ।
सारी दुनिया चकित——-
यही समय है सही समय है ,
नव भारत निर्माण करो।
राम राज्य को लक्ष्य बना लो,
नए जोश से काम करो।
राम लला का आशीष ले लो,
पूरन हों सब काम।
प्रभु की लीला न्यारी,
धाम की बात निराली।
सारी दुनिया चकित हुई है,
देख अयोध्या धाम।
धाम की बात निराली,
लला की सूरत प्यारी ।
कुसुम सिंघल
बल्लभगढ़,फ़रीदाबाद ।