जय श्रीराम
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राम से बड़ा राम का नाम ।
जैसा चाहो वैसा जप लो, भली करेंगे राम ।।
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दो अक्षर में शक्ति भरी है , देखो तो अजमाकर ,
चाहे लिखकर पढ़कर देखो , चाहे देखो गाकर ,
मन बन जायेगा पल भर में, उनका पावन धाम ।
राम से बड़ा राम का नाम ।।1
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जिसने थामी डोर नाम की, पार गया भव सागर ,
राम नाम का नीर छलकता , मन बन जाता गागर ,
राम नीर से भीग गया फिर, अमरत का क्या काम ।
राम से बड़ा राम का नाम ।।2
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डाल-डाल मत भटके मनवा, मत पत्तों पर डोले ,
क्यों न राम की कस्तूरी को, अपने घट में घोले ,
राम गंध कुंडल में महके, हर पल आठों याम ।
राम से बड़ा राम का नाम ।।3
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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