आचरण में राम को धारण करें

आचरण में राम को धारण करें
पथ-प्रदर्शक राम का सुमिरण करें

रास्ता सच्चा दिखाती रौशनी
ज्ञान दीपक राम से है ज़िंदगी

त्यागकर सुख को यहाँ कल्याण कर
राम का कहना यही है ध्यान कर

छोड़कर अज्ञानता विद्वान बन
लोक हित कर राम सा भगवान बन

संतुलन संसार का स्थिर रहे
राम मय जीवन रहे दुनिया कहे

अपने मन का बोझ हल्का कर वहाँ
राम सुमिरण, राम भक्ति, हो जहाँ

अपनी ताकत उच्च और उत्कर्ष कर
चल अकेला राम हैं संघर्ष कर

एक भारत राम मय सबसे सुखी
विश्व के मानस पटल पर लिख यही
©संप्रास
#राम #कविता