जय श्री राम 🙏
आ बसो मेरे हृदय हे राम मेरे,
दो सहारा हाथ को फिर थाम मेरे
कर लिया जब से भरोसा नाथ तुम पर-
बन रहे तब से यहाँ सब काम मेरे।
जय करूँ मैं राम जी तेरी सदा ही,
नाम बिन ज्यों रात अंधेरी सदा ही,
दो जगह हे नाथ चरणों में तुम्हारे –
है यही अरदास प्रभु मेरी सदा ही।
राम मन में और तन में राम मेरे,
अब लिखो बस ध्यान तेरा नाम मेरे।
हे विधाता कष्ट हर लो तुम जगत के,
हे त्रिलोकी नाथ पावन धाम मेरे।
राम जी की हो कृपा तब काम बनते,
हो सरल जीवन हमारा नाम जपते,
नाम आठों याम जपते भक्त जो भी-
राम जी भी संग सिय उर आन बसते।
ध्यान से भटके नहीं उपकार कर दो,
लो शरण में राम बेड़ा पार कर दो।
डोलने पाए नहीं ये नाव मन की-
“दीप” के सर हाथ रख उद्धार कर दो।
कुलदीप कौर “दीप” ✍️