रघुवीर पग द्वार पर पड़ते खिली कलियां यहां।

रघुवीर पग द्वार पर पड़ते खिली कलियां यहां।
जग झूमता पर दीप से सजता,करें झिलमिल जहां।।
खुशियां लिए नर नेह ज्योति तले जरा इतरा रहे।
वनवास से भगवान राम पुरी अभी बस आ रहे।।

दशकंध का वध जीत सिंहल देश दे रहते यहां।
रघुवीर पग द्वार पर पड़ते खिली कलियां यहां।।

खग झूमते खिलती कली चहुंओर है खुशियां बड़ी ।
सुत देख आंखें भरी लगे ,है जीत सी बस ये घड़ी।।
घर त्याग के वन को गए जब मात रोकर के रही।
पथ देखती चुपचाप सी ,कहती नहीं दिल की कहीं।।

दिन बीतते कब साल बने ,अब लौटती खुशियां यहां।
रघुवीर पग द्वार पर पड़ते खिली कलियां यहां।।

करते सभी गुणगान है ,नभ से गिरे बहु फूल है।
सुर गीत मंगल गा रहे,सब खत्म प्रस्तर शूल है।।
बहुरंगी ले धरती सजी ,कमला विनायक पूजते।
हर दीप की खिलती विभा संग देव आकर झूमते।।
पल दिव्य रोशन और सुंदर विश्व में दिखता कहां।।
रघुवीर पग द्वार पर पड़ते खिली कलियां यहां।।

सुमति श्रीवास्तव
पता न्यू कालोनी, हरिबंधनपुर,पोस्ट कचहरी,जिला जौनपुर उत्तर प्रदेश पिन नंबर 222002
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