राम बनना आसान नहीं है।
विधि ने था ज़ब रंग दिखाया
महलों से वनवास दिलाया।
सिंहासन को त्याग उसी पल
वनगमन आसान नहीं है।
राम बनना आसान नहीं है ।
पिता का वचन निभाने को
वल्कल पहन चला वन को
पितृभक्त ऐसा बनना इतना भी आसान नहीं है ।
राम बनना आसान नहीं है ।
माँ की ममता छोड़ी जिसने
राह कँटीली जोड़ी जिसने।
मान सौतेली माँ का रखना इतना भी आसान नहीं है ।
राम बनना आसान नहीं है ।
फूलों पर पग रखे सदा जिसने
शूल चुभे फिर उसके पग में
सिया सँग ले वन में रहना
इतना भी आसान नहीं है।
राम बनना आसान नहीं है।
सिया ने माँगा स्वर्ण हिरण
छल से खल ने किया हरण
सिया खोज में वन-वन भटकना
इतना तो आसान नहीं है।
राम बनना आसान नहीं है।
वन-वन भटके सिया खोज में
वानर रीछ लिये फ़ौज में
बाली वध कर दिया रोष में
मित्रों की विपदाएँ लेना
इतना तो आसान नहीं है।
राम बनना आसान नहीं है।
लक्ष्मण ज़ब मूर्च्छित हुए
कितने वो विचलित हुए
हनुमंत संजीवनी लेकर आये
तब वो चैन ज़रा सा पाये
भाई ऐसा बनना भी
इतना तो आसान नहीं है।
राम बनना आसान नहीं है ।
रावण को ज़ब मार गिराया
अंत समय ज़ब उसका आया
लक्ष्मण ने रावण से भी ज्ञान था पाया ।
विनम्रता इतनी रखना भी
आसान नहीं है ।
राम बनना आसान नहीं है ।
विजय श्री लंका पर पाई
विभीषण को लंका लौटाई।
जीता राज किसी को देना
इतना भी आसान नहीं है ।
राम बनना आसान नहीं है ।
राह देखती रही अहिल्या
कब आएँगे राम मेरे।
कर स्पर्श बना दी नारी
पार उतारा उसको भारी।
ऐसा पतित पावन बनना इतना भी आसान नहीं है।
राम बनना आसान नहीं है ।
शबरी ने जूठे बेर खिलाये
बहुत प्रेम से थे वो खाए।
भक्ति का वो मान बढ़ाये
ऐसा भक्तवत्सल बनना इतना भी आसान नहीं है ।
राम बनना आसान नहीं है ।
लौट अयोध्या ज़ब वो आये
अवध में सबने दीप जलाये
एक जन के कह देने भर से
प्रिय पत्नी का त्याग कर आये।
रामराज्य का राजा बनना इतना भी आसान नहीं है ।
राम बनना आसान नहीं है ।
रमा त्यागी